Last Updated on October 10, 2020 by admin
1). यकृत रोग का नुस्खा –
नींबू, पानी एवं दस काली मिर्च मिलाकर नित्य पीते रहें। यकृत-सम्बन्धी रोग ठीक हो जायेंगे।
2). कब्ज़ के उपचार में दादी माँ के नुस्खे –
- गरम पानी और नींबू प्रातः भखे पेट पीयें। एक गिलास हलके गरम पानीमें एक नींबू निचोड़कर एनिमा लगायें। पेट साफ हो जायगा। कृमि भी निकल जायँगे।
- एक गिलास गरम पानीमें एक नींबू, दो चम्मच एरण्डी का तेल (कैस्टर ऑयल) मिलाकर रात को पीयें।
- एक चम्मच मोटी सौंफ तथा पाँच काली मिर्च चबायें, फिर एक गिलास गरम पानी, एक नींबू और काला नमक मिलाकर रातको नित्य पीयें।
- प्रातः भूखे पेट अमरूद पर नमक, काली मिर्च, नींबू डालकर प्रतिदिन खायें।
- प्रातः भूखे पेट नींबू-पानी तथा रात को सोते समय नींबू की शिकंजी पीने से क़ब्ज़ दूर होता है। लम्बे समयतक पीते रहें। पुराना क़ब्ज भी दूर हो जायगा।
3). उलटी के उपचार में दादी माँ के नुस्खे –
- आधा कप पानी में पंद्रह बूंद नींबू का रस, भुना एवं पिसा हुआ जीरा, पिसी हुई एक छोटी इलायची मिलाकर हर आधे घंटे में पीयें। उलटी होनी बंद हो जायगी।
- नींबू के छिलके सुखाकर, जलाकर राख बना लें। चौथाई चम्मच राख, आधा चम्मच शहदमें मिलाकर चाटनेसे उलटी बंद हो जाती है।
- दो छोटी इलायची पीसकर नींबूकी फाँकमें भरकर चूसनेसे उलटी बंद हो जाती है।
- चौथाई कप पानीमें आधा नींबू निचोड़कर मिला लें। इसकी एक चम्मच हर पंद्रह मिनटमें पीयें। उलटी बंद हो जायगी।
- सेंधा नमक और हरे धनिये पर आधा नींबू निचोड़कर चटनी बना लें। जबतक उलटी हो, बारबार आधा चम्मच चाटते रहें।
- नींबू की एक फाँक में मिस्री भरकर चूसें।
- जी मिचलाते ही, उलटी की इच्छा होते ही नींबूकी फाँक में काला नमक, काली मिर्च भरकर चूसें। उलटी नहीं होगी।
- यात्रा में उलटी हो तो नींबू चूसते रहें।
- शिशु दूध पीनेके बाद उलटी करते हों तो दूध पिलानेके कुछ देर बाद तीन बूंद नींबू का रस एक चम्मच पानीमें मिलाकर पिलायें।
4). गर्भावस्था की उलटी (मॉरनिंग सिकनेश) रोकने के नुस्खे –
(१) १०० ग्राम कच्चा जीरा, तीस ग्राम सेंधा नमक पीसकर नींबू के रस में तर कर लें, ये रस में डूबे रहें। इनको ऐसे ही रहने दें। प्रतिदिन एक बार स्टील की चम्मच से हिला दें। सूख जानेपर आधा चम्मच प्रतिदिन तीन बार चबायें। गर्भावस्थामें होनेवाली उलटियाँ बंद हो जायेंगी।
(२) ठंडे पानी में नींबू निचोड़कर पीने से गर्भावस्थाकी उलटीमें लाभ होता है।
5). नाभि टलना का नुस्खा –
नींबू काटकर बीज निकाल दें। इसमें भुना हुआ सुहागा (यह पंसारीके यहाँ मिलता है) एक चम्मच भरकर हलका-सा गरम करके चूसें, टली हुई नाभि अपने स्थानपर आ जायगी।
6). दस्त रोकने के नुस्खे –
- एक कप ठंडे पानीमें चौथाई नींबू निचोड़कर स्वाद के अनुसार नमक, चीनी मिलाकर दोदो घंटेमें पीने से दस्त बंद हो जाते हैं।
- दस्त थोड़ा-थोड़ा, बार-बार हो तो एक चम्मच प्याज का रस, आधा नींबू का रस चौथाई कप ठंडे पानी में मिलाकर हर तीन घंटे में पिलायें।
7). एमोबायसिस (आमातिसार) का इलाज –
नित्य दिन में तीन बार नींबू का पानी पीने से लाभ होता है। लगातार लेते रहनेसे आँतें साफ होकर आँव आना बंद हो जाता है।
8). हैजा में लाभकारी नुस्खा –
नींबू हैजे से भी बचाता है। जब हैजा फैल रहा हो, किसीको हैजा हो गया हो तो सम्पर्क में आने वाले लोग नींबूका अधिकाधिक सेवन करें। नींबू चूसें, नींबू का अचार खायें। भोजनके बाद नींबूका पानी पीयें। हैजासे बचाव होगा। हैजेके कीटाणु खट्टी चीजोंके सेवनसे नष्ट हो जाते हैं। हैजा होनेपर चार चम्मच गुलाबजल, थोड़ा-सा नींबू और मिस्री मिलाकर हर दो घंटेमें पिलायें। हैजे में लाभ होगा।
9). बवासीर (पाइल्स) का नुस्खा –
रक्त आता हो तो नींबू की फाँक में सेंधा नमक भरकर चूसने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।
10). पीलिया (जॉन्डिस) के लिए नुस्खे –
- पत्तों सहित मूली का रस एक कप में स्वादानुसार चीनी और नींबूका रस मिलाकर प्रातः भूखे पेट तथा रात को सोते समय दो बार प्रतिदिन पीनेसे पीलिया में लाभ होता है।
- प्याज के टुकड़े नींबू के रसमें डाल दें। स्वादानुसार नमक, काली मिर्च डाल दें। नित्य दो बार थोड़ा-थोड़ा यह प्याज खानेसे पीलिया में लाभ होता है।
10). गर्भस्राव (एबॉर्शन) –
नमकीन शिकंजी (नींबू, नमक और पानी)-में विटामिन ‘ई’ होता है। विटामिन ‘ई’ स्त्री को गर्भधारण में सहायता करता है। गर्भकी रक्षा करता है, गर्भस्राव रोकता है। सुबह-शाम नमकीन शिकंजी पीनेसे विटामिन ‘ई’ की पूर्ति हो जाती है। जिनको गर्भस्राव होता हो, वे नमकीन शिकंजी पीयें तथा रातको सोते समय पावोंके नीचे तकिया रखें।
12). मोटापा दूर करने का नुस्खा –
सुबह-शाम नींबूका पानी पीनेसे मोटापा घटता है।
13). उच्च रक्तचाप –
उच्च रक्तचाप से बचनेके लिये प्रातः नींबूका पानी सदा पीते रहें।हृदय-रोग और उच्च रक्तचापके रोगी नित्य तीन बार नींबूका पानी पीते रहें। आशातीत लाभ होगा।
14). ज्वर के लिये दादी माँ के नुस्खे –
- ज्वर में प्यास अधिक लगती है, मुँह सूखता है, व्याकुलता बढ़ती है। लार बनानेवाली ग्रन्थियाँ लार बनाना बंद कर देती हैं। जिससे मुँह सूखने लगता है। अतः पानीमें नींबू, नमक, काली मिर्च डालकर पीयें। नींबू में नमक, काली मिर्च भरकर भी चूस सकते हैं।
- मलेरिया में नींबू किसी भी रूपमें अधिकाधिक सेवन करनेसे लाभ होता है। चाय में दूध के स्थानपर नींबू डालकर पीने से मलेरिया में लाभ होता है।
- भोजन करते समय हरी मिर्चपर नींबू निचोड़कर खायें। मलेरिया आने से पहले नींबू में नमक भरकर चूसें या नींबूकी शिकंजी पीयें।
- फिटकरी भुनी हुई, काली मिर्च, सेंधा नमकतीनों समान मात्रामें लेकर पीस लें। नींबूकी एक फाँक पर यह चूर्ण चौथाई चम्मच भरकर गरम करके ज्वर आनेके एक घंटे पहले आधा-आधा घंटेके अन्तरसे चूसें। मलेरिया-बुखार नहीं आयेगा। दो-तीन दिन यह प्रयोग करें।
15). जुकाम के लिए नुस्खे –
- यदि जुकाम बार-बार लगता है तो रात को सोते समय पगतलियों पर सरसों के तेल की मालिश करें। एक गिलास तेज गरम पानी में एक नींबू निचोड़कर एक महीने पीयें।
- जब जुकाम लग गयी हो तो एक साबूत नींबू को धोकर, एक गिलास पानी में उबाल लें। नींबू उबलने पर उसे निकालकर काट लें और इसी गरम पानी को एक गिलास में भरकर वही नींबू निचोड़ें। इसमें एक चम्मच अदरकका रस, दो चम्मच शहद मिलाकर पीयें। जुकाम ठीक हो जायगा।
- दो चम्मच दाना-मेथी एक गिलास पानी में उबालें। उबलते हुए आधा पानी शेष रहनेपर पानी छानकर इसमें आधा नींबू निचोड़कर गरमागरम ही पीयें। उबली हुई मेथी भी खायें। ज्वर, फ्लू, सर्दी, श्वास, विवर-प्रदाह (साइनोसाइटिस)-में लाभ होगा। यह पेय दो बार नित्य, जबतक जुकाम ठीक नहीं हो जाय, पीते रहें।
16). दमा (अस्थमा) के लिए नुस्खा –
एक कप तेज गरम पानी, आधे नींबूका रस, एक चम्मच अदरकका रस, दो चम्मच शहद-सब मिलाकर नित्य सुबह-शाम पीते रहें। दमा, हृदय-रोग, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर)में लाभ होगा।
17). खाँसी के लिए नुस्खे –
- आधे नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से तेज खाँसी, श्वास, जुकाम में लाभ होता है।
- नींबू में चीनी, काला नमक, काली मिर्च भरकर गरम करके चूसनेसे लाभ होता है। खाँसी का तेज दौरा ठीक हो जाता है।
- पोदीने के ३० पत्ते, आठ काली मिर्च पिसी हुई, एक गिलास पानी स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर उबालें। उबलते हुए आधा पानी शेष रहनेपर छानकर उसमें आधा नींबू निचोड़कर सुबह-शाम दो बार पीयें। खाँसी तथा ज्वर (फीवर) में लाभ होगा।
- एक नींबू को पानी में उबालकर एक कपमें निचोड़कर दो चम्मच शहद डालकर मिला लें। इस प्रकार तैयार करके ऐसी दो मात्रा सुबह-शाम लें, खाँसी में लाभ होगा। सीने में जमा हुआ बलगम पिघलकर बाहर आ जाता है।
18). अनिद्रा रोग में –
सोते समय नींबू, शहद, पानी का एक गिलास पीने से नींद गहरी आती है।
19). सिर दर्द दूर करने के लिए नुस्खे –
- नींबू के छिल के पीसकर सिरपर लेप करनेसे सिर-दर्द में लाभ होता है।
- अदरक का रस आधा चम्मच, नींबू का रस आधा चम्मच, सेंधा नमक चौथाई चम्मच मिलाकर हलका-सा गरम करके इसे सूंघे। इससे छींकें आकर कफ, पानी निकलता है और सिर-दर्द ठीक हो जाता है। यह सर्दी लगनेसे हुआ सिर-दर्द, आधे सिरका दर्द (विवर-प्रदाह-साइनोसाइटिस)-में अधिक लाभकारी है।
- जिस ओर सिर-दर्द हो उसके विपरीत नथुने में (अर्थात् बायीं ओर सिर-दर्द हो तो दायें नथुनेमें) तीन बूंद नींबूका रस डालनेसे आधे सिरका दर्द (हेमीक्रेनिया) जो सूर्यके साथ घटता-बढ़ता है तथा साथ ही अन्य सिर-दर्द भी ठीक हो जाते हैं।
- नींबू की फाँक गरम करके सिर-दर्दपर रगड़ें, एक बार रगड़ने के पंद्रह मिनट बाद पुनः रगड़ें। इस तरह लगाते रहने से सिर-दर्द शीघ्र ठीक हो जाता है। नींबूका रस रगड़नेके बाद सिरको हवा नहीं लगने दें। सिर ढक लें। नींबूके प्रयोगसे गरमीके कारण होनेवाला सिर-दर्द शीघ्र ठीक होता है।
20). पानी के रोग –
गंदा पानी पीनेसे यकृत्, टॉइफाइड, दस्त, पेटके रोग हो जाते हैं। यदि शुद्ध पानी नहीं मिले, नदी, तालाबका इकट्ठा किया हुआ पानी हो तो पानीमें नींबू निचोड़कर पीयें। पानीमें नींबू निचोड़कर पीनेसे पानीके रोग, गंदगी आदिसे होनेवाले रोगोंसे बचाव होता है। नींबूके छिलकों को रगड़ने से बदबू दूर हो जाती है।
21). सूखी त्वचा (ड्राई स्किन) –
- आधा कप दही में एक चम्मच पिसी हुई मुलतानी मिट्टी, आधा नींबू निचोड़कर मिलाकर चेहरे, हाथ, पैरोंपर मलकर लेप कर दें और आधे घंटे बाद धोयें। त्वचा का सूखापन दूर हो जायगा।
- सूखी त्वचा पर हलदी और नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना लें तथा त्वचापर लेप करके आधे घंटे बाद धोयें। त्वचा का सूखापन दूर हो जायगा।
22). तैलीय त्वचा (ऑयली स्किन) –
चौथाई कप खीरे के रस में चार चम्मच बेसन, चार चम्मच दही, आधा नींबू निचोड़कर अच्छी तरह मिलाकर चेहरे तथा हाथ-पैरों पर मलकर लेप की तरह लगाकर आधे घंटे बाद धोकर साफ कर दें।
23). खुजली –
नहाने से पहले नींबू की फाँक में पिसी हुई फिटकरी भरकर खुजली वाली जगहपर रगड़ें। दस मिनट बाद स्नान करें। खुजली में लाभ होगा।
24). नाखूनों के पास की त्वचा का पकना –
नींबूके हरे पत्ते और नमक पीसकर लगायें। पंद्रह दिन लगानेपर आप देखेंगे कि नाखूनोंकी त्वचा पकनी बंद हो गयी है।
25). रक्तवर्धक –
- एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर इसमें २५ ग्राम किशमिश डाल दें। इसे रातको खुले स्थानपर रख दें। प्रातः भीगी हुई किशमिश खाते जाएँ और यह पानी पीते जायें। इस प्रकार नींबू-पानी में भिगी हुई किशमिश खानेसे रक्त बढ़ेगा। रक्त की कमीके रोगोंमें लाभ होगा।
- मूली काटकर अदरकके टुकड़े और नींबू डालकर खायें। इससे रक्तकी कमी दूर होती है।
26). मुँहासे (पिम्पल्स, एक्नीज) के लिए दादी माँ के नुस्खे –
- तिल पर नींबू निचोड़कर चटनी की तरह पीसकर चेहरे पर मलकर लेप कर दें। दो घंटे बाद धोयें। चेहरे की त्वचा मुलायम होकर मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
- दालचीनी पीसकर पाउडर बना लें। चौथाई चम्मच पाउडरमें कुछ बूंद नींबूके रसको डालकर पेस्ट बनाकर चेहरेपर लगायें। एक घंटेके बाद धोयें। मुँहासे ठीक हो जायेंगे।
- नींबू निचोड़ने के बाद जो छिलका बचता है, उसे इकट्ठा करके सुखा लें। सूखने पर पीस लें। इसकी दो चम्मच में एक चम्मच बेसन मिलाकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर चेहरेपर मलें। आधे घंटे बाद चेहरा धोयें। मुँहासे, झाइयाँ, धब्बे ठीक हो जायेंगे।
- नहाने से पहले चेहरे पर नींबूकी फाँक रगड़कर जब रस सूख जाय तब नहायें। इसके बाद भी बार-बार हर घंटे चेहरे पर नींबू का रस लगाते रहें।
27). खूबसूरती बढ़ाने के लिए दादी माँ के नुस्खे –
- चार चम्मच आटा जौ या चने का, आठ चम्मच दूध, आधा चम्मच हलदी और दो नींबू का रस-सबको मिलाकर हाथ, मुँह, शरीर पर मलें। सूखने पर रगड़कर बिना साबुन लगाये स्नान करें। इससे शरीर मुलायम एवं सुन्दर होगा।
- हलदी और मसूर की दाल समान मात्रामें एक कप, इसमें एक नींबूका रस और पानी डालकर रात को भिगो दें। प्रातः पीसकर चेहरे, हाथ एवं गलेपर मलकर पंद्रह मिनट बाद स्नान करें। शरीरमें रूपलावण्य झलकने-निखरने लगेगा।
- हरे मटरके दानों पर नींबू निचोड़कर, थोड़ासा पानी डालते हुए पीस लें। इसे चेहरे एवं हाथों पर मलकर आधे घंटे बाद धोयें। जहाँ भी लगायेंगे, वह स्थान सुन्दर लगेगा।
- आधा कप गाजरके रसमें आधा चम्मच शहद, चौथाई भाग नींबूका रस मिलाकर चेहरे तथा त्वचाके दाग-धब्बों पर लगाकर आधे घंटे बाद धोयें। त्वचा कान्तिमय हो जायगी।
- चार चम्मच खीरे का रस, आधा नींबू, चौथाई चम्मच हलदी मिलाकर चेहरे, गर्दन, हाथों एवं बाँहों पर लगायें। आधे घंटे बाद धोयें। इससे शरीरका श्याम रंग साफ होकर गोरापन आ जाता है। यह प्रयोग एक महीना करें।
- समान मात्रा में नींबू का रस और कच्चा दूध तथा चने का बेसन मिलाकर चेहरे, गर्दन तथा त्वचापर जहाँ सुन्दरता बढ़ानी हो, नित्य लगाते रहें। सूखने पर रगड़-रगड़कर धोयें। रंग गोरा होगा। रूप-रंग निखरेगा, सुन्दरता बढ़ेगी।
- दूधमें चार चम्मच चने की दाल रात को भिगो दें। प्रातः दाल पीस लें। इसमें चौथाई नींबूका रस, चौथाई चम्मच हलदी मिलाकर चेहरेपर लगाकर आधे घंटे बाद या सूखनेपर धोयें। यह प्रयोग एक महीना तक, तीन दिन में एक बार करें। चेहरा आकर्षक बन जायगा।
- नींबू और नारंगीके छिलके सुखाकर, मिलाकर पीस लें। चार चम्मच दूधमें इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर मलें। पंद्रह मिनट बाद धोयें। त्वचा सुन्दर हो जायगी।
- रात को सोते समय चेहरेपर नींबू रगड़कर सोयें। प्रातः धोयें। चेहरेके धब्बे साफ हो जायेंगे।
- हलदी पर नींबू निचोड़कर पीस लें तथा चेहरेपर लगाकर एक घंटे बाद धोनेसे चेहरेके काले दाग, झाइयाँ दूर हो जाती हैं।
- नींबू निचोड़ी हुई फाँक से होठों को रगड़ें। होठों का कालापन दूर हो जायगा। .
28). नकसीर (एपिसटेक्सिस) के लिए नुस्खे –
- नींबू के रस की चार बूंद, जिस नथुनेसे रक्त आ रहा हो, उसमें डालनेसे तुरंत रक्त आना बंद हो जाता है।
- मूलीपर नींबू निचोड़कर नित्य खाते रहनेसे बार-बार नकसीर आना बंद हो जाता है।
- आँवला, अंगूर, गन्ना, नींबूमेंसे किसी एक के रसकी चार बूंद नाकमें डालनेसे नकसीर आना बंद हो जाता है।
- पानी में मिस्त्री घोलकर तीन बूंद नाकमें डालने से नाक से रक्त आना बंद हो जाता है।
29). दाँतों की मजबूती के लिए उपाय –
- शौचालय में जबतक मलत्याग करें, दाँत भींचकर रखें, दाँत मजबूत रहेंगे हिलेंगे नहीं।
- प्रातः भूखे पेट फीका नींबू चूसें। नींबू चूसनेके एक घंटे बादतक कुछ भी न खायें। दाँत मजबूत रहेंगे और दाँत-दर्द में भी लाभ होगा।
- दाँतों, मसूढ़ों से रक्तस्राव हो तो नींबू की फाँक निचोड़कर आधा रस निकालकर, इस फाँक से दाँत और मसूढ़े रगड़ें। मसूढ़ों से रक्तस्राव बंद हो जायगा।
- मसूढ़े ढीले पड़ गये हों तो नींबूकी मीठी शिकंजी दो बार, एक महीना पीयें।
30). दाँतोंकी सफाई एवं दाँतोंका पीलापन –
- नींबूकी आधी निचोड़ी फाँकपर चार बूंद सरसों का तेल, जरा-सा नमक डालकर दाँतों को रगड़े। दाँतों का पीलापन दूर होकर दाँत साफ हो जायँगे।
- थोड़ा-सा खानेका सोडा और नमक मिलाकर मंजन करें। दाँत चमकने लगेंगे, साफ रहेंगे। दाँतोंके सामान्य रोग ठीक हो जायेंगे।
- नींबू के रस में ब्रश डुबोकर मंजन करने से दाँत चमकने लगते हैं। दाँतों को नींबूके रससे रगड़ें।
31).धूम्रपान –
नींबू चूसें। नींबू पानी पीयें। जीभपर बार-बार नींबूके रसकी पाँच बूंद डालें और स्वाद खट्टा बनाये रखें। धूम्रपान, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा एवं तम्बाकू खानेकी आदत छूट जायगी।
32). लू (सनस्ट्रॉक) –
प्रतिदिन प्याज खायें, नींबूकी नमकीन शिकंजी पीयें। लूसे बचाव होगा।
33). पाँवों में पसीना –
गर्म पानी के दो गिलासमें एक नींबूका रस मिलाकर पगतलियों का सेंक करें, फिर इसी पानीसे पगतलियाँ धोयें।
34). चक्कर आना –
प्रातः नींबूकी मीठी शिकंजी पीनेसे उठते-बैठते समय आनेवाले चक्कर ठीक हो जाते हैं।
35). शक्तिवर्धक नुस्खा –
तीन छुहारे (गुठली निकालकर) टुकड़े कर लें। एक गिलास पानी में ये छुहारे, १५ किशमिश, एक नींबू का रस डालकर रातको खुलेमें छतपर रख दें। प्रातः मंजन करके पानी पी जायँ तथा छुहारे, किशमिश खा जायँ। लगातार चार महीने तक करें। चेहरा चमकने लगेगा।
36). तिल्ली (स्पिलिन) –
तिल्ली बढ़नेपर पेट बढ़ जाता है, तेज चलनेपर साँस फूलती है, मलेरिया हो जाता है। दो चम्मच प्याजके रसमें आधा नींबू निचोड़कर, दो चम्मच पानी मिलाकर सुबह-शाम पीयें। नींबू का अचार भी खिलायें।
37). हकलाना, तुतलाना के लिए नुस्खा –
गर्म पानी में नींबू निचोड़कर सुबह-शाम कुल्ले करें। दस पिसी हुई काली मिर्च, एक चम्मच शुद्ध देशी घीमें मिलाकर प्रतिदिन दो बार चाटें।
(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)
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