पंच कर्म चिकित्सा स्नेहन कर्म | Snehana Karma in Ayurveda
पंच कर्म चिकित्सा में स्नेहन कर्म क्या है ? : Snehana Karma in Hindi आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ‘पंच कर्म चिकित्सा’ का विशिष्ट स्थान है और इस चिकित्सा के जोड़ की चिकित्सा संसार की किसी …
पंच कर्म चिकित्सा में स्नेहन कर्म क्या है ? : Snehana Karma in Hindi आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में ‘पंच कर्म चिकित्सा’ का विशिष्ट स्थान है और इस चिकित्सा के जोड़ की चिकित्सा संसार की किसी …
त्वचा का रंग : यह वैज्ञानिक सत्य है कि त्वचा का रंग वंशानुगत तत्वों पर ज्यादा निर्भर रहता है इसके बाद वातावरण, जलवायु, शारीरिक स्वास्थ्य और खानपान- रहन सहन का असर भी त्वचा के रंग …
मुनक्का क्या चीज होती है ? : Munakka in Hindi मुनक्का दरअसल अंगूर का ही सूखा हुआ रूप है जो दाख, मुनक्का, द्राक्षा आदि के नाम से पुकारा जाता है। बड़े आकार के अंगूर सूखने …
धूम्रपान तंबाकू के ज़हर से ऐसे छुटकारा पाएं : सिगरेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सिगरेट या बीड़ी की लत से छुटकारा मिल सकता है यदि इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया का क्रमबद्ध ढंग से …
जीवन में जल का महत्व : Jal Ka Mahatva in Hindi हमारा शरीर जिन पांच महाभूतों यानी पंचतत्वों से बना है उनमें से एक तत्व जल है और शेष चार हैं- आकाश, वायु, अग्नि और …
विटामिन बी 5 (पेन्टोथेनिक एसिड) क्या है ? : Vitamin B5 (Pantothenic acid) in Hindi पेन्टोथेनिक एसिड को विटामिन बी 5 भी कहते हैं। पेण्टोथेनिक (Pantothenic ) शब्द ग्रीक भाषा का है जिसका अर्थ है …
विटामिन बी 6 (पाइरीडॉक्सिन /Pyridoxine) क्या है ? : Vitamin B6 in Hindi पाइरीडाक्सिन को विटामिन बी 6 भी कहते हैं। यह एक रंगहीन और स्वाद में कसैला पदार्थ है जो जल में घुलनशील है। …
1- छान्दोग्य उपनिषद में ब्रह्मचर्य-रक्षा के उपाय : ब्रह्मचर्य-रक्षा के लिये छान्दोग्य उपनिषद में छः बातोंपर विशेष बल दिया गया है (१) इष्ट अर्थात् अग्निहोत्र , शारीरिक, वाचिक और मानसिक तपस्या, वेदोंका स्वाध्याय, वेदोक्त आचरण …
नाड़ी देखना सीखने की तरकीब : nadi vaidya in hindi नाड़ी देखने का काम महा कठिन है। यह शिष्य को पास बिठा कर गुरु के बताने, रोगी की नाड़ी अपने सामने दिखाने, भूल हो तो …
मस्तिष्क और अवचेतन मन : हमारे मस्तिष्क द्वारा हमारा जीवन संचालित होता है। हमारे मन द्वारा न सिर्फ हम सारा संसार निर्मित करते हैं बल्कि ये भी कहा जा सकता है कि संसार मन का …