शीत रक्तहरि मुद्रा : ब्लडप्रेशर को नार्मल करने वाली चमत्कारी मुद्रा
शीत रक्तहरि मुद्रा बनाने का तरीका : अपने एक हाथ की सबसे छोटी उंगली को दूसरे हाथ की सबसे छोटी उंगली के आगे के भाग से मिलाने से शीत रक्तहरि मुद्रा बन जाती है। …
शीत रक्तहरि मुद्रा बनाने का तरीका : अपने एक हाथ की सबसे छोटी उंगली को दूसरे हाथ की सबसे छोटी उंगली के आगे के भाग से मिलाने से शीत रक्तहरि मुद्रा बन जाती है। …
बोधि सव्व ज्ञानमुद्रा की विधि (bodhi savva gyan mudra ki vidhi) बाएं हाथ को दिल के पास ज्ञानमुद्रा में रख लें तथा उंगलियों को सीध में रखें। दाएं हाथ को ज्ञानमुद्रा बनाएं। बाएं …
हंसी मुद्रा (Hansi mudra in Hindi) `हंसी मुद्रा´ किसी भी व्यक्ति के विवेक को निखाने वाली सबसे अच्छी मुद्रा है। `हंसी मुद्रा´ को पौष्टिक कर्मो में इस्तेमाल किया जाता है। इससे घर में धन-धान्य …
शक्ति पान मुद्रा बनाने का तरीका (Shakti Paan Mudra Banane ka Tarika) अपने दोनों हाथों के अंगूठे और तर्जनी उंगली को इस तरह से मिला लें कि पान की सी आकृति बन जाएं तथा …
वरूण मुद्रा एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर में जल तत्त्व की पूर्ती कर शरीर को कमजोरी, पानी की कमी, रक्त विकार आदि रोगों से बचाती है। वरूण मद्रा की विधि (Varuna Mudra Method in …
क्या है बंध और मुद्रा ? : महामुद्रा, महाबंध, महावेध, खेचरी, उड्डियान, मूलबंध, जालंधर, विपरीत करणी, वज्रोली एवं शक्तिचालन ये दस मुद्राएँ हठ प्रदीपिका में बताई गई हैं। हठ प्रदीपिका में मुद्रा यह चतुरंग हठयोग …
योगशास्त्र में सैकड़ों प्रकार की मुद्राओं का वर्णन मिलता है। यहाँ हम आसन तथा प्राणायाम के समय विशेष रूप से प्रयुक्त होने वाली अत्यंत उपयोगी 9 मुद्राओं की अभ्यास विधि और उनके लाभों का उल्लेख …
मुख ममुद्रत कृत्वा जिव्ळामूलं प्रचालयेत। शनैर्गृसेदमृतं तां माण्डकी मुद्रिका बिदु:।। वलितं पलितं नैव जायते नित्ययौवनम्।। न केशे जायते पाकीय: कुर्यान्नित्यमाण्डुकीम्।। अर्थ : मुंह को बंद करके जीभ को पूरे तालू के ऊपर घुमाना चाहिए और …
पुरुषों व स्त्रियों के लिए समान रूप से लाभदायक बहुत ही उपयोगी मुद्रा | गोरक्ष मुद्रा के फायदे : Goraksh mudra Ke Labh / Fayde ★ गोरक्ष मुद्रा वीर्य से सम्बंधित सारे रोग जैसे- स्वप्नदोष …
गुप्तहरि मुद्रा के लाभ : Gupta hari mudra ke Labh / Fayde ★ गुप्तहरि मुद्रा पुरुष और स्त्री दोनों के लिए एक ही समान लाभकारी है। ★ इस मुद्रा को करने से जननेन्द्रिय (प्रजनन अंग) …