Last Updated on October 21, 2020 by admin
प्रोटीन क्या है ? (protein kya hai in hindi)
भोजन का मुख्य आवश्यक तत्व है- प्रोटीन। यही तत्व शरीर की कोशिकाओं अर्थात् मांस आदि का निर्माण करता है। इसकी प्रचुर मात्रा भोजन में रहने से शरीर की कोशिकाओं का निर्माण और मरम्मत आदि का कार्य सुचारू रूप से जीवन भर चलता रहता हैं। प्रोटीन में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा गंधक के अंश मिले रहते हैं। इसमें फास्फोरस भी विद्यमान हो सकता है। प्रोटीन में नाइट्रोजन की अधिकता रहती है।
हालांकि शरीर में यदि प्रोटीन अधिक हो जाए तो मल द्वारा बाहर निकल आता है। फिर भी दैनिक आवश्यकता के लिए नियमित प्रोटीन की आवश्यकता शरीर को रहती है लेकिन इस बात की ओर भी ध्यान देना अति आवश्यक है कि आवश्यकता से अधिक प्रोटीन लाभ की अपेक्षा शरीर को हानि भी पहुंचा सकता है परन्तु जब भोजन के बाद भी शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाए तो बाहर से कृत्रिम तरीके से निर्मित प्रोटीन से उस कमी की पूर्ति करना बहुत जरूरी होता हैं।
प्रोटीन क्यों जरूरी है ? (protein kyu jaruri hai)
- प्रोटीन कोशिकाओं और ऊतकों की टूट-फूट की मरम्मत और वृद्धि के उपयोग में आती है।
- प्रोटीन पाचक रस (एन्जाइम्स) एवं हॉर्मोन्स बनाती है।
- प्रोटीन रोग प्रतिकारकों (antibodies) को पैदा करने में मदद करती है, जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति आ जाती है।
- प्रोटीन ऊर्जा पैदा करने में मदद करती है।
- प्रोटीन हीमोग्लोबिन, प्लाज्मा, अम्ल तथा क्षार को संतुलन में रखने का कार्य है।
शरीर में प्रोटीन के कार्य और फायदे (protein ke fayde in hindi)
चिकित्सा वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है कि शरीर में जीवनीय तत्वों की कमी न हो तो शरीर रोगों से बचा रहता है। संक्रमणजन्य रोगों से बचाव के लिए प्रोटीन की अधिक आवश्यकता होती है।
- यह हमारे शरीर का निर्माण करने वाले तत्वों में मुख्य तथा बहुत महत्त्वपूर्ण है।
- प्रोटीन हमारे शारीरिक क्रियाओं की नियंत्रित करने से अहम् भूमिका निभाता है।
- हमारे शरीर की मांसपेशियों तथा तंतुओं को बनाने में प्रोटीन सदा कार्यरत रहता है।
- हमारे शरीर की हड्डियों की आघात्री मज्जा के लिए प्रोटीन बहुत महत्तव रखता है।
- हमारे दातों, त्वचा तथा नाखूनों के लिए भी प्रोटीन मुख्य तत्त्व है।
- हमारे बालों को बढ़ाने, मज़बूत करने के लिए भी प्रोटीन अत्यंत आवश्यक है।
- हमारे शरीर से विद्यमान रक्त, सीरम आदि भी प्रोटीन दवारा निर्मित होते है वे शक्ति पाते हैं।
- शरीर से विद्यमान हर तरल द्रव्य प्रोटीन की देन है।
- हमारे खून से विद्यमान लाल कण भी प्रोटीन से निर्मित होते हैं। ये लाल कण ही शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाते है। ऑक्सीजन है, तो सांस है। ऑक्सीजन है, तो हम जीवित है। अत: प्रोटीन जरूरी है। ताकि रक्त के लाल काण शक्तिशाली बने रहें।
- प्लाज्मा भी प्रोटीन के कारण होता है। यह प्लाज्मा शरीर से पानी का अनुपात ठीक रखता है। शरीर से रक्त का ओसमोटिक प्रेशर भी प्लाज्मों के कारण ही होता है, अत: प्रोटीन जरूरी है।
- शरीर से विद्यमान ऐंटीबाडीज़ और कुछ नहीं, प्रोटीन ही हैं। यह शरीर से संक्रमण द्वारा हुए रोगी से लड़ने में काम आता है।
- हमारे शरीर से एनजाइम तथा हारमोन का अपना स्थान है-जो प्रोटीन की देन हैं।
- खाने योग्य एमीनोएसिड भी प्रोटीन में मिलते है, जिनकी संख्या बारह है।
- डॉक्टरों का मानना है कि हमारे भोजन से सभी प्रोटीन सहीं अनुपात व मात्रा में होने चाहिए। इसलिए ऐसा भोजन खाना चाहिए, जिससे शरीर की मांसपेशियां व तंत् पूर्णतया विकसित व स्वस्थ हों।
- शरीर प्रोटीन के तभी पूरा-पूरा कायदा ले सकता है, जब पूर्ण प्रोटीन शरीर से एमिनोएसिडों को तोड़कर नाइट्रोजन तथा एनीमिया से अलग-अलग कर देता है।
- हमारे शरीर में प्रोटीन का भंडारण नहीं होता।
- जरूरत पड़ने पर शरीर के तंतू प्रोटीन की कमी पूरी कर देते हैं।अपना क्षय कर प्रोटीन की आपातु जंरूरत पूरी करने से शरीर के तंतु सक्षम हैं।
शरीर में प्रोटीन की कमी के लक्षण (protein ki kami ke lakshan in hindi)
शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाने से शरीर कमजोर हो जाता है, शरीर की ताकत कम हो जाती है, बच्चों का बढ़ना रुक जाता है और अगर शरीर में घाव आदि लगा हो तो उसके भरने में भी देर लगती है।
प्रोटीन कितना लेना चाहिए (protein kitna lena chahiye in hindi)
हमारे शरीर को प्रोटीन की कितनी आवशयकता है, यह निम्न बातों पर निर्भर करता है –
- हमारे शरीर की बनावट, आकार, ऊँचाई आदि पर प्रोटीन की आवश्यकता निर्भर करती है। छोटा व कमजोर शरीर कम प्रोटीन मांगता है।
- शरीर के लिए हमारे पास किस प्रकार का प्रोटीन मौजूद है?
- शरीर की जरूरत के अनुसार कैलोरीज़ तथा उर्जा होनी उपलब्ध है। तथा कितनी कमी प्रोटीन को पूरा करना है?
- हमें कितना भारी कार्य करना पड़ता है? शारीरिक परिश्रम अधिक है या कम।
- हमारा शरीर कितना प्रोटीन पचा सकता है? पाचन शक्ति अच्छी है या कमजोर।
- हमारा पोषण-स्तर जैसा होगा, उतना ही, उसी के अनुरूप प्रोटीन भी चाहिए।
- क्या शरीर साधारण मात्रा मांगता है या विशेष कारणों से अधिक? दूध पिलाने वाली माता तथा गर्भ धारण किए युवती, बढ़ती आयु के बच्चे, खिलाड़ी, पहलवान, रोग से उठा व्यक्ति आदि सभी की आवश्यकताएं साधारण व्यक्ति से भिन्न होंगी तथा अधिक होंगी।
प्रोटीन युक्त आहार व उनके श्रोत (Protein ke Liye kya khaye)
Protein Sources in Hindi
हमारे शरीर के निर्माण के लिए, शरीर की आवश्यकता पूरी करने के लिए हम प्रकृति से प्राप्त खाद्य पदार्थों से प्रोटीन पाते है। हमारी खुराक में प्रोटीन मौजूद होना चाहिए। इसे मुख्यत: निम्न साधनों-भोज्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है|
(1) दूध, (2) दही, (3) पनीर, (4) खोया, (5) कचौरी ,(6) विभिन्न अनाजों से, (7) अंकुरित अनाजों से, (8) दालों से, (9) चोकर युक्त तथा साबुत अनाजों से, (10) अनेक तेलों से, (11) सूखे मेवों से, (12) मूंगफली से, (13) सोयाबीन से, (14) सोयाबीन से बने सभी पदार्थों से, (15) दूध से बनी सभी मिठाइयों व पदार्थों से, (16) लस्सी-छाछ, (17) दलियां, (18) सूजी, (19) मैदा, (20) चावल, (21) डबल रोटी, (22) बेसन, (23) हरी पत्तेदार सब्जियां, (24) साग, (25) मौसमी सब्जियां, (26) गन्ने का रस, (27) तरबूज,(38) कार्नफ्लैक्स,(29) आइसक्रीम, (30) रसगुल्ला (31)बिस्कुट आदि।