Last Updated on October 29, 2020 by admin
आज की व्यस्त जिंदगी में व्यक्ति अपने शरीर की उपेक्षा कर रहा है, समय के अभाव के कारण शरीर की तरफ बहुत ही कम ध्यान दे पा रहा है और रोगों को आमंत्रण दे रहा है। दिल्ली स्थित ‘नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च सेंटर’ ने अलसी का संशोधन करके सभी रोगों के लिए एक मास्टर चाभी हम सभी को दी है। अलसी का प्रयोग करके कई प्रकार के रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। यदि हमें कोई रोग नहीं है तो इसके सेवन से हम रोग प्रतिरोधक शक्ति अपने जीवन में बनाए रख सकते हैं।
क्या है अलसी ? (What is Flax Seeds in Hindi)
अलसी को हम एक अनाज के रूप में जान सकते हैं। इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है जैसे – अतसी, अडसी, तीसी, जवसु, linseed व flax seed आदि।
अलसी गुणों की खदान है, यह राजस्थान व महाराष्ट्र में ज़्यादा पाई जाती है परंतु सभी राज्यों में इसका प्रयोग होता है। तिल के तेल की तरह इसके भी तेल को शरीर में दर्द होने की जगह पर मालिश किया जाता है। रासायनिक रंगों में चमक बढ़ाने के लिए अलसी के तेल का उपयोग होता है। पुराने जमाने में राजा महाराजा अपने घोड़ों को अलसी के पौधों का घास खिलाते थे। आयुर्वेद ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है। इसके सेवन से अश्व के समान ताकत, स्फूर्ति व ताज़गी आ जाती है। अलसी दिखने में तिल से बड़ी व स्वाद में फिकी है। इसे चबा-चबाकर खाने से चिकास महसूस होता है।
अलसी में पाए जानेवाले पोषण तत्त्व क्या है ? (Nutritional Components of Flax seed in Hindi)
अलसी में बहुत से महत्वपूर्ण तत्त्व पाए जाते हैं जैसे कि –
- 23% ओमेगा-3 फैटी एसिड,
- लिग्निन,
- 20% प्रोटीन,
- 27% फाइबर जो कैंसर को भी रोकता है,
- पोटैशियम,
- मैग्नीशियम,
- विटामिन बी12,
- जिंक,
- सेलेनियम इत्यादि तत्त्व पाए जाते हैं।
- इसमें शर्करा की मात्रा 1.8% ही होती है, डायबिटीज़ के रोगी को बहुत फायदा करती है।
अलसी खाने और पकाने के क्या तरीके है ? (Ways to Eat and Cook Flax Seeds in Hindi)
अलसी लेने के कई तरीके हैं। आपको जो तरीका अच्छा लगे वह आप अपना सकते हैं, बस एक बात का ध्यान रखना है अलसी लेने के बाद 1 से 2 गिलास पानी ज़रूर पीना है।
यह तो न गर्म है न ही ठंडी है इसलिए इसे सभी लोग ले सकते हैं।
यदि आप कोई दवा ले रहे हैं तो भी अलसी ले सकते हैं, इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।
- अलसी रोज़ 1 बड़ा चम्मच (10 ग्राम) चबा चबाकर लेना है। अलसी सेंककर भी ले सकते हैं।
- अलसी 2 चम्मच + 2 गिलास पानी में डालकर उबालना है। जब आधा रह जाए तब छानकर सुबह खाली पेट पीना है। चाहे तो दानों को चबा-चबाकर खा भी खा सकते हैं। इस काढ़े में हजारों रोगों की दवा छिपी है, सभी रोगों के लिए लाभदायक है।
- अलसी को सौंफ, अजवाइन, जीरा, तिल आदि के साथ मिलाकर खाना खाने के बाद सुबह व शाम ले सकते हैं। इसे चबा-चबाकर खाना है।
- अलसी का पाउडर बनाकर दूध में मिलाकर भी ले सकते हैं।
खाना खाने के 1 घंटे पहले अलसी लेने से पाचन क्रिया सही रहती है।
अलसी के कुछ स्वास्थ्य लाभ (Some Health Benefits Of Flax Seeds in Hindi)
1). मोटापा दूर करने में लाभदायक –
रोज़ 1 बड़ा चम्मच (10 से 15 ग्राम) अलसी लेने से शरीर का बेसल मेटाबोलिक रेट बढ़ता है। इससे व्यक्ति का वज़न कम होता है, ज़्यादा चर्बी शरीर पर जमा नहीं होती है।
2). ब्रेस्ट कैंसर से करे रक्षा –
अलसी में कैंसर को रोकने के 27 तत्त्व होते हैं। इससे कैंसर में फायदा होता है। यह स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर होने से बचाता है। अलसी खाने से शरीर से सभी टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। कैंसर विरोधी हार्मोन्स को बढ़ाता है।
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3). बलवर्धक टॉनिक –
कमज़ोर व्यक्ति यदि अलसी खाए तो ताकत आती है और वह स्वस्थ रहता है।
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4). थकान दूर करने में मददगार –
अलसी खाने से शरीर में स्फूर्ति आती है, उत्साह आता है, थकान नहीं लगती है, आलस नहीं आता है। यदि किसी वजह से शरीर में थकान है तो उसे भी दूर करने की शक्ति अलसी में है।
5). पाचन क्रिया में सहायक –
हवा में जो ऑक्सीजन है वह एंटी ऑक्सिडंट है, जो मेटाबोलिज़म प्रक्रिया में मदद रूप होता है। अलसी लीडिंग फैक्टर बनकर इस पूर्ण प्रक्रिया में सहायता करती है। ऑक्सीजन का खाना पचाने की क्रिया में महत्वपूर्ण भाग होता है।
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6). कैंसर से बचाव –
अलसी में पाया जानेवाला लिग्निन नामक तत्त्व ज़्यादा उम्रवाले स्त्री व पुरुष को कैंसर से बचाता है।
7). तनाव और डिप्रेशन को दूर करने में सहायक –
अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड नामक तत्त्व पाया जाता है, जो दिमाग के कोशिकाओं को शक्ति देता है, तरोताज़ा रखता है। मानसिक शांति देता है, तनाव को कम करता है व डिप्रेशन से भी बचाता है।
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8). रोगों से रक्षा करनेवाला –
अलसी में लिग्निन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो अलग-अलग हार्मोन ग्रंथियों में से निकलनेवाले हार्मोन्स को कंट्रोल करता है। इससे कई रोगों से बचाव होता है। यदि रोग हो गए है तो रोगों को दूर करने में सहायता करता है।
9). रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) की समस्याओं से बचाए –
अलसी में फाइटोइस्ट्रोजन नामक कुदरती हार्मोन्स पाया जाता है, जिससे प्री मेन्स्टुअल सिंड्रोम और मेनोपॉज़ के पहले तकलीफ होती है जैसे -चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, डिप्रेशन, सर्दी, गर्मी लगना आदि सभी में अलसी सहायता करती है। स्त्रियों को इसका सेवन पाउडर, दाने या काढ़े के रूप ज़रूर करना चाहिए।
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10). जोड़ों का दर्द करे दूर –
जोड़ों के दर्द में अलसी के तेल से मालिश करने से फायदा होता है। घुटनों के दर्द में राहत मिलती है। आमवात, गठिया, साइटिका व नस का दबना आदि में भी लाभदायक है।
11). रक्तचाप में लाभप्रद –
इसके सेवन से उच्च रक्तचाप व निम्न रक्तचाप दोनों में ही फायदा होता है।
12). मधुमेह में उपयोगी –
अलसी मधुमेह को नियंत्रित करती है। रक्त में शुगर व कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करती है। मधुमेह व हृदय रोग सायकोसोमेटिक रोग है, इसलिए लंबे समय तक काढ़ा या दाने का सेवन करना पड़ता है तभी लाभ होता है।
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13). त्वचा रोग मिटाने में सहायक –
सोरायसिस, दाद, खुजली, त्वचा के रोगों में अलसी का सेवन व उसका लेप लगाने से फायदा होता है।
14). रोगप्रतिरोधक शक्ति बढाए –
15 ग्राम अलसी खाने से अंदाजन 4.2 ग्राम इनसोल्युबल फाइबर मिलते हैं, जो कब्ज़ियत को दूर करते हैं। पाचन शक्ति बढ़ती है। शरीर में रोगप्रतिरोधक शक्ति में बढ़ावा होता है।
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15). हृदय को करे मजबूत –
अलसी खून में पाए जानेवाले चरबी के तत्त्वों को दूर करती है। जैसे कि LDL or triglycerides इससे हृदय मज़बूत होता है, दिल की धड़कनों को भी नियमित करती है। इससे हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
16).बालों की समस्या करे दूर –
अलसी रोज़ सुबह खाली पेट सेवन करने से बालों की समस्या में भी फायदा होता है। बालों का गिरना बंद होता है और वे चमकदार भी होते हैं।
17). किडनी को साफ रखने में मददगार –
शरीर के हानिकारक तत्त्व, केमिकल्स व अन्य जो भी कचरा है उसे किडनी बाहर निकालने का काम करती है। अलसी में ऐसे तत्त्व हैं जो किडनी के इस कार्य में पूर्ण सहयोग देते हैं व किडनी को साफ रखते है।
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18). पेट साफ करे –
अलसी में पेट साफ करने का गुण होता है। इसे खाने से पेट साफ होता है।
19). कफ संबंधी रोगों में लाभदायक –
जिन व्यक्तियों को दमा, कफ की बीमारी है वे लोग इसके काढ़े को दिन में दो से तीन बार ज़रूर लें, फायदा होता है।
20). थाइरॉइड में उपयोगी –
अलसी दोनों प्रकार के थाइरॉइड में भी फायदा होता है।
21). लकवे में लाभप्रद –
अलसी का काढ़ा लंबे समय तक पीने से लकवे जैसी बीमारी में भी लाभ होता है।
अलसी खाने के दुष्प्रभाव व स्वास्थ्य संबंधी खतरे क्या है ? (Possible Side Effects and Health Risks of Eating Flaxseed in Hindi)
अलसी के सेवन के हमने कई फायदे देखे लेकिन अलसी का प्रयोग सही मात्रा में करने से ही लाभ होता है। कुछ बातें हैं जो हमें ध्यान में रखनी है।
- अलसी का सेवन सुबह-शाम 1-1 चम्मच ले सकते हैं यानी 30 ग्राम से ज़्यादा नहीं लेना है। ज़्यादा लेने से पेट में तकलीफ हो सकती है, जैसे – डायरिया या उल्टी भी हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना
- जो लोग खून पतला करने की दवा खाते हैं उन्हें भी अलसी का सेवन नहीं करना है।
- ज़रूरत से ज़्यादा अलसी खाई जाए तो और पानी नहीं पीया तो शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
- अलसी का सेवन उचित मात्रा में करें। चाहे दाने, पाउडर खाएँ या काढ़ा पिएँ लेकिन उसके बाद 1 से 2 गिलास पानी ज़रूर पीना है।
अलसी खाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लेनी है।