हमारे शरीर की त्वचा पूरे शरीर का आवरण यानी कवर होती है जो शरीर की कुरुपता को ढके रखती है। आप किसी भी सुन्दर चेहरे को देखें और कल्पना करें कि चेहरे पर त्वचा नहीं है तो आपको चेहरा कितना भयानक दिखाई देने लगेगा।
त्वचा तभी तक सुन्दर दिखती है जब तक कि अन्दर से शरीर स्वस्थ और सुन्दर हो क्योंकि त्वचा के सौन्दर्य का पूरा दारोमदार ही अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर होता है इसलिए त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर रखने के लिए, बाहरी और भीतरी, दोनों तरह के प्रयत्न करने होंगे।
त्वचा में अनेकानेक रोम छिद्र होते हैं जिनसे त्वचा वायुमण्डल से आक्सीज़न लेती रहती है और पसीने के जरिये शरीर के विजातीय द्रव्य बाहर निकालती रहती है। अगर किसी के पूरे शरीर पर प्लास्टिक पेण्ट पोत कर रोम छिद्रों को बन्द कर दिया जाए तो शरीर को आक्सीजन मिलना बन्द हो जाएगा और वह व्यक्ति बीमार और कमजोर हो जाएगा। स्वस्थ रहने के लिए त्वचा के रोम छिद्रों का साफ और खुला रहना नितान्त आवश्यक है। प्रतिदिन स्नान करना इसीलिए जरूरी होता है। इतने निवेदन के बाद अब त्वचा को स्वस्थ, स्वच्छ और सुन्दर रखने वाले उपाय प्रस्तुत करते हैं।
त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू नुस्खे और उपाय : Skin care tips in Hindi
1). भाप स्नान – glow skin care in hindi
प्रतिदिन स्नान तो करना ही चाहिए, साथ ही भाप स्नान (Steam Bath) भी सप्ताह में एक-दो बार किया जाए तो त्वचा ही स्वस्थ और सुन्दर नहीं रहती बल्कि मोटापा कम होना, जोड़ों का दर्द दूर होना, पसीने के माध्यम से शरीर के विजातीय द्रव्य और विकार निकलना आदि लाभ भी होते हैं।
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2). मालिश – healthy skin tips in hindi
मालिश से त्वचा मजबूत, चिकनी, चमकदार और स्वस्थ रहती है तथा शरीर की शुष्कता, उष्णता और रुक्षता दूर होती है। स्नान करने के दौरान शरीर गीला करके ओलिव ऑइल यानी जैतून का तेल लगा कर मसाज करने से शरीर का रक्त संचार ठीक होता है और त्वचा स्वच्छ, चिकनी और चमकदार बनी रहती है।
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3). उबटन – natural skin care tips in hindi
शरीर पर साबुन न लगा कर उबटन लगाना बहुत लाभकारी रहता है ।
एक बहुत ही गुणकारी उबटन की विधि यहाँ प्रस्तुत कर रहें है –
विधि – आधी कटोरी बेसन, चन्दन का पिसा हआ महीन पावडर एक चम्मच, ग्लेसरिन दो चम्मच, पिसी हल्दी एक चम्मच, गुलाब जल एक चम्मच नींबू का रस 5-6 बूंद और आधा चम्मच दूध।
इन सबको मिला लें। अगर ज्यादा गाढ़ा करना हो तो बेसन मिला कर गाढ़ा करें और पतला करना हो तो ग्लेसरिन डाल कर पतला कर लें। चाहें तो ग्लेसरिन की जगह, शीतकाल में, सरसों का तेल डाल सकते हैं। इस मिश्रण को पूरे शरीर पर लगाएं। जब उबटन जरा सा सूखने लगे तो इसे मसलने लगें। इस उबटन को सुगन्धित करने के लिए शीतकाल में केवड़ा या हिना इत्र की एक बूंद डाल दें। ग्रीष्मकाल या वर्षाकाल में खस या गुलाब के इत्र की एक बूंद डाल लें।
यह उबटन त्वचा का मैल दूर कर, त्वचा को पोषण प्रदान कर, त्वचा का रंग निखारता है और इसे चिकनी, चमकदार और मुलायम बनाता है। चाहें तो रोज़ उबटन लगा कर स्नान करें या सप्ताह में एक या दो बार लगाएं।
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4). लेप – skin beauty tips in hindi
त्वचा तीन प्रकार की होती है (1) रुखी सूखी त्वचा (2) तैलीय त्वचा और (3) सामान्य स्वस्थ त्वचा । इन तीनों प्रकार की त्वचा के बारे में जानकारी प्रस्तुत है-
■ रूखी सूखी त्वचा (Dry Skin in Hindi) – शुष्क और रुखी सूखी त्वचा फटी हुई, मलिन और सांवली हो जाती है। इससे चेहरा कुरूप और कान्ति हीन हो जाता है। ऐसी त्वचा पर अच्छी किस्म का माइश्चराइजर लगा कर मसाज करना चाहिए और स्नान करते समय जैतून का तेल (ऑलिव ऑइल) लगा कर चेहरे व पूरे शरीर की मालिश करना चाहिए। इससे त्वचा को पोषण मिलेगा और त्वचा मुलायम, चिकनी और चमकदार रहेगी।
■ तैलीय त्वचा (Oily Skin in Hindi) – तैलीय त्वचा वाला चेहरा चिपचिपा और चिकना बना रहता है। तैलीय त्वचा की पहचान करने के लिए एक टीशू पेपर लेकर त्वचा पर लगाएं तो चिकनाई टीशू पेपर पर आ जाएगी। तैलीय त्वचा पर कील मुंहासे होते हैं और यदि उचित देखभाल और चिकित्सा न की जाए तो चेहरे की त्वचा की सुन्दरता नष्ट हो जाती है।
तैलीय त्वचा को साफ और सूखी करने के लिए दिन में दो बार क्लींसिंग मिल्क या कच्चा दूध चेहरे पर लगाएं । इससे रोम छिद्रों में जमा मैल निकल जाएगा। क्लींसिंग मिल्क या कच्चा दूध अतिरिक्त चिकनाई दूर करके, त्वचा को प्राकृतिक रूप से नम और चिकनी रखता है ।
तैलीय त्वचा में नमी और चिकनाई जरूरत से बहुत ज्यादा होती है लेकिन शीतकाल में ऐसी त्वचा भी शुष्क और रूखी हो जाती है। तैलीय चिपचिपापन दूर करने के लिए गुलाबजल में सई का फाहा भिगो कर चेहरे की त्वचा को पोंछना चाहिए। चेहरे की त्वचा को साफ करने का यह सबसे अच्छा उपाय है।
■ स्वस्थ त्वचा – यूं तो सामान्य स्वस्थ त्वचा को किसी प्रकार के उपाय की जरुरत नहीं पड़ती फिर भी स्वस्थ त्वचा पर ध्यान देते रहने से त्वचा स्वस्थ और सुन्दर बनी रहती है। इस त्वचा पर कठोर साबुन न लगा कर माइश्चराइज्ड साबुन ही लगाना चाहिए।
स्वस्थ त्वचा वही होती है जिस पर दाग धब्बे, फोड़े फुसी, दाद खुजली आदि कोई भी त्वचा रोग नहीं होता, जो न ज्यादा चिकनी, चिपचिपी और तैलीय होती है और न बिल्कुल रुखी-सूखी तथा कान्तिहीन ही होती है। चेहरे पर लगाने के लिए एक अति उत्तम लेप का नुस्खा प्रस्तुत है।
लेप का नुस्खा – लाल चन्दन, अगर, लोध, मंजीठ, कूट, खस और सुगन्धबाला – सबको 100-100 ग्राम ले कर कूट पीस कर महीन चूर्ण करके, सबको मिला लें और छन्नी से तीन बार छान कर शीशी में भर कर रखें। अब 2 बड़े चम्मच चूर्ण सिल पर रख कर पानी के छीट दे कर पीस कर लुग्दी बना लें। फिर आधा चम्मच दूध में केशर की 2-3 पंखडी डाल कर इतना घोटे कि केशर दूध में घुल जाए। यह घुटाई छोटे खरल में डाल कर करें और यह दूध लुग्दी में मिला कर नींबू की 5-6 बूंद और 5-6 बूंढ गुलाब जल डाल कर अच्छे से फेंट कर मिला लें। इस लेप को गाढ़ा गाढ़ा पूरे चेहरे और गले पर लगा कर सूखने दें। जब थोड़ा नम रहे तब मसलते हुए छुड़ा दें और कुनकुने गर्म पानी से धो डालें। कुछ दिन तक रोजाना लगाने के बाद सप्ताह में दो बार लगाने लगे। इस लेप से चेहरे व गले की त्वचा स्वस्थ सुन्दर, मुलायम और स्वच्छ रंग की हो जाती है।
5). चेहरे पर भाप – face care tips in hindi
जैसे स्टीम बाथ से पूरे शरीर का स्नान किया जाता है वैसे ही चेहरे को भी स्टीमवाश पद्धति से धोना आजकल प्रचलित हो गया है। ब्यूटी पार्लरों में फेशियल करने के बाद स्टीम भाप से चेहरे को धोया जाता है। आप भी घर पर ही सप्ताह में एक बार चेहरे को भाप दे सकते हैं।
विधि – एक तपेली में पानी गर्म करें। जब भाप उठने लगे तब सिर पर मोटा तौलिया ओढ़ कर अपना चेहरा तपेली के ऊपर करें ताकि उठती हुई भाप चेहरे पर लग सके। इस समय आँखें बन्द रखें। जितनी देर सहन कर सकें उतनी देर तक भपारा लें फिर चेहरा हटा कर तौलिये से चेहरा पोंछ लें। 2-3 मिनिट ठहर कर पुनः अपारा लें। यह क्रिया 3-4 बार कर सकते हैं। यदि पानी से भाप उठना कम हो जाए तो पानी को फिर से आंच पर रख दें।
इस क्रिया का एक लाभ और भी उठाया जा सकता है। यदि सर्दी जुकाम के कारण नाक बन्द हो तो भपारा लेते समय नाक से सांस लें। गले में दर्द खराश या टांसिलाइटिस की शिकायत हो तो मुंह से भी सांस लें । इस तरह चेहरे का भाप स्नान होने के साथ बन्द नाक खुल जाएगी और गले की तकलीफ में आराम हो जाएगा।
6). स्किन करेगी ग्लो – करें यह उपाय :
☛ सोते समय चेहरे की त्वचा पर एक लोशन लगा कर मसाज करना बहुत गुणकारी होता है। लोशन घर पर ही बना सकते हैं। एक शीशी में 100 मिलि. ग्लेसरिन भर कर इसमें एक चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच गुलाब जल डाल दें। सोते समय, शीशी हिला कर, यह लोशन चेहरे व गले पर लगा कर हलके हलके मसाज करें। यह लोशन हाथ पैरों में भी लगा कर मसाज कर सकते हैं। घण्टा भर बाद कुनकुने गर्म पानी से धो कर पोछ डालें । लोशन रात भर लगा रहे इसके लिए रात को न धो कर सुबह उठने पर भी धो सकते हैं। वेसलीन या पेट्रोलियम जेली भी लगा सकते हैं।
☛ एक चम्मच चिरोंजी महीन बारीक पीस लें, इसमें एक चम्मच मलाई और एक चुटकी पिसी हल्दी मिला कर फेंट लें। इसे शाम को 8-9 बजे चेहरे व गले पर अच्छी तरह लगा दें। आधा एक घण्टे बाद मसल कर छुड़ा दें और कुनकुने गर्म पानी से धो कर पोंछ लें।
☛ एक चम्मच गो-घृत में आधा नींबू निचोड़ दें और 10-15 मिनिट तक अच्छी तरह फेंटें। जब घी का रंग सफेद हो जाए तब फेंटना बन्द कर दें। सोने से पहले इसे चेहरे व गले पर लगा कर आधा या एक घण्टे बाद मसल कर छुड़ाएं और कुनकुने गर्म पानी से धो डालें ।
इनमें से कोई भी एक उपाय करें। बदल बदल कर भी सभी उपाय प्रयोग किये जा सकते हैं।
स्किनकेयर के लिए जरुरी संतुलित दिनचर्या :
ऊपरी उपाय करने के साथ ही साथ, आहार-विहार से सम्बन्धित अन्दरूनी उपाय भी करना चाहिए। इससे लाभ जल्दी होगा और काफी दिनों तक प्रभाव बना रहेगा। अपनी दिनचर्या ठीक रखना, जैसे –
- सुबह जल्दी उठ कर सूर्योदय से पहले ही शौच व स्नान कर लेना,
- स्नान करके 2-3 किलोमीटर तक पैदल घूमने जाना,
- लौट कर योगासन या अन्य तरीके से व्यायाम करना,
- सुबह के नाश्ते में पानी में भिगोये हुए और मसाले के साथ भूने हुए देसी चने खूब चबा चबा कर खाना और ऊपर से जीरा नमक डाला हुआ छाछ (मट्ठा) एक गिलास भर पीना आदि ।
- रात को सोने से पहले निश्चित समय पर शौच के लिए अवश्य जाना चाहिए।
- देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होता है।
- मेकअप करती हों तो रात को सोने से पहले मेकअप उतार कर सोएं।
त्वचा की देखभाल के लिए आहार :
विहार नियमित और नियत समय पर करने से पाचन शक्ति ठीक रहती है तथा वात पित्त कफ सामान्य अवस्था में रहते हैं। वात कुपित होने से त्वचा मलिन और सांवली होती है अतः वात को कुपित नहीं होने दें। अपच और कब्ज बने रहने से वात कुपित होता है।
- प्रातः नाश्ते में कभी चने, कभी अंकुरित अन्न खा कर छाछ पीना चाहिए।
- आहार में पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए, मौसमी फल का सेवन करना चाहिए ।
- भोजन के साथ ककड़ी, गाजर, टमाटर, मूली हरा धनिया, आदि का सलाद और सब्जी ज्यादा मात्रा में खाना चाहिए ।
- दिन भर में 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए।
- विटामिन युक्त, विशेष कर विटामिन बी, सी और ई युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- तले हुए तेज मिर्च मसालेदार, खटाई, खट्टे पदार्थ, लाल मिर्च और भारी पदार्थों का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए या बन्द रखना चाहिए।
इस तरह इन उपायों पर अमल करके, सौन्दर्य के इस प्रमुख आधार त्वचा की सुरक्षा करके इस त्वचा को सुन्दर और स्वस्थ रखा जा सकता है।