आयुर्वेद के अनुसार आहार के गुणधर्म
अनाजों का वर्णन : 1-चावल के गुण – चावल बहुत प्रकार के होते हैं। उन सबका वर्णन करने से लेख बढ़ जाने का भय है; इस लिये हम यहाँ सिर्फ दो प्रकार के चावलों का …
अनाजों का वर्णन : 1-चावल के गुण – चावल बहुत प्रकार के होते हैं। उन सबका वर्णन करने से लेख बढ़ जाने का भय है; इस लिये हम यहाँ सिर्फ दो प्रकार के चावलों का …
सौंदर्य प्रसाधन का सच : नारी के मन में हमेशा एक चाह होती है कि वह दुनिया में सबसे सुंदर महिला दिखे। सब उसके रूप की तारीफ करें, लोग उसे देखकर ईर्ष्या करें, कोई उसे …
शरीर को खोखला बनाते मादक पदार्थ : नशीले पदार्थों (मादक पदार्थों) का सेवन आज के सभ्य और उन्नत समाज केलिये सबसे भयानक अभिशाप बनकर रह गया है। एक अनुमान के अनुसार 90 प्रतिशत से अधिक …
आयुर्वेद के अनुसार विरुद्ध आहार (संयोग-विरुद्ध आहार) : आयुर्वेद के अनुसार बेमेल की वस्तुओं को एकसाथ खाने का परिणाम बेहद घातक हो सकता है । आइए जानते हैं वे कौनसी चीजें है जिन्हें येक साथ …
भूख की कमी ,मन्दाग्नि या अजीर्ण में पथ्यापथ्य : मन्दाग्नि और अजीर्ण में पथ्य (क्या खाना चाहिए ) • कफ से उत्पन्न मन्दाग्नि और अजीर्ण-आमाजीर्ण में, नमक मिले गरम जल से वमन करानी चाहिए। • …
अपने दिल को समझाओ कि पीड़ा का भय, पीड़ा से कहीं ज्यादा बद्तर होता है और किसी भी हृदय को पीड़ा नहीं हो सकती, अगर वह अपने सपनों की तलाश में निकल पड़ता है, क्योंकि …
दर्द आपका हमदर्द है : दर्द को हम मनुष्य विपत्ति या आफ़त मानते हैं। यह हमारी भूल है।भ्रांति है। बचकानापन और अज्ञानता है। क्या हो यदि हार्ट अटैक के रोगी को दर्द ही न हो? …
लगभग करोड़ों वर्ष पूर्व संसार के रचयिता ने संसार को बनाया। उसने पेड़-पौधे, जीव-जंतु और इंसानों को बनाया। इनके जीवनयापन के लिए हर चीज़ का वातावरण में इंतज़ाम किया। इनका शरीर एक संपूर्ण मशीन के …
सोने से इंकार करके आज तक किसी भी आदमी ने आत्महत्या नहीं की और ऐसा कभी कर भी नहीं पाएगा। मनुष्य की सारी इच्छाशक्ति के बावजूद प्रकृति उसे सोने के लिए विवश कर देगी। प्रकृति …
वीर्य-रक्षा करना हमारा प्रधान कर्तव्य है जो कुछ हम खाते-पीते हैं, उससे रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र- ये सात धातुएँ। | तैयार होती हैं। यही सातों धातु हमारे शरीर को धारण करती …