हाँ… आप कर सकते हैं ! ( प्रेरक प्रसंग )
विद्यार्थियों व नवयुवकों के लिए प्रेरक प्रसंग : अनुभव वह नहीं है जो किसी व्यक्ति के साथ होता है। अनुभव तो वह है जो व्यक्ति अपने साथ होने वाली घटनाओं के बारे में करता है। …
विद्यार्थियों व नवयुवकों के लिए प्रेरक प्रसंग : अनुभव वह नहीं है जो किसी व्यक्ति के साथ होता है। अनुभव तो वह है जो व्यक्ति अपने साथ होने वाली घटनाओं के बारे में करता है। …
मुसलिम प्रेतात्मा देखते-ही-देखते एक सेर हलुवा खा गयी। हमारे यहाँ आजसे नहीं अपितु अनादिकाल से आत्मा, भूत, प्रेत, पितर, देवी-देवता आदि को मानने की परम्परा चली आ रही है और मृतात्मा की शान्ति के निमित्त …
प्रचण्ड अग्नि में गिलहरी और चिड़िया के बच्चे जीवित रहे एक बार राजपूत कॉलेज पिलखुवाके संस्थापक, आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध महोपदेशक, कर्मवीर महात्मा श्री लटूरसिंह जी पिलखुवा पधारे थे। उन्होंने मेरे पूछनेपर बहुत-से प्रतिष्ठित पुरुषोंके सामने …
प्राचीन समय की बात है, जब भारत में यवन-शासन अपने पूरे प्रभुत्वमें था और प्रभुता के मदमें शासक अनेक प्रकार के अत्याचार करते थे। उस समय बहावलपुर राज्य में छिनकू नामक एक भगवद्भक्त रहते थे। …
सत्य कथा पर आधारित मधुर प्रसंग : पण्डित श्रीरामजी महाराज संस्कृतके महान् विद्वान् थे। संस्कृत आपकी मातृभाषा थी। आपका सारा परिवार संस्कृत में ही बातचीत करता था। आपके यहाँ सैकड़ों पीढ़ियों से इसी प्रकार संस्कृत …
भगवान् श्रीदशरथनन्दन राम और उनके परम पवित्र श्रीरामनामकी बड़ी ही अद्भुत एवं विलक्षण महिमा है जो कि वर्णनातीत है। श्रीराम-नाम में जो अद्भुत मिठास और अचिन्त्य शक्ति विद्यमान है, वह सब हमारे सनातनधर्मके शास्त्रों-पुराणों में …
सितम्बर सन् १९७० की बात है। पिलखुवास्थित हमारे निवासस्थानपर हापुड़ के सुप्रसिद्ध कर्मकाण्डी विद्वान् पं० श्रीबालकरामजी शास्त्री पधारे। उन्होंने श्राद्ध-तर्पण, पिण्डदान, गयाश्राद्ध आदि के द्वारा पितरों का और भूत-प्रेतादिकों का कल्याण कैसे होता है, इसे …
हिन्दी के सुविख्यात साहित्यकार पं० श्रीनारायण जी चतुर्वेदी के द्वारा सुनायी हुई सच्ची घटना : हिन्दीके महान् साहित्यकार पं० श्रीनारायणजी चतुर्वेदी परम भागवत वैष्णव विभूति थे। उन्होंने एक बार मुझे प्रयागमें अपने निवास-स्थानपर एक दीवान …
कैलाश मानसरोवर के सिद्ध योगी : हमारे जिन कैलास-मानसरोवर आदि पावन तीर्थोंको चीन हड़प चुका है। वहाँ आज भी कैसे-कैसे महान् सिद्ध, त्रिकालदर्शी योगी महात्मा रहते हैं, इसके सम्बन्ध में कुछ आँखों देखी आश्चर्यजनक सच्ची …
तपोमूर्ति पं० श्रीजीवनदत्तजी महाराज के जीवन की सत्य घटना : पूज्यपाद प्रात:स्मरणीय अनन्तश्रीविभूषित नैष्ठिक बालब्रह्मचारी, महान् संस्कृतज्ञ, तपोमूर्ति पं० श्रीजीवनदत्तजी महाराज (कुलपति-संस्थापक श्रीसाङ्गवेदविद्यालय, नरवर)-का पुण्यसंस्मरण सबको पवित्र करनेवाला है। आपका जन्म आश्विन शुक्ल ४, संवत् …