Last Updated on November 24, 2022 by admin
सूरजमुखी क्या है ? : What is Sunflower in Hindi
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में सूर्यावर्त का नाम आया है। टीकाकार डल्हण ने इसका स्वरूप बतलाया हे उसके अनुसार इसका पुष्प सूर्यमण्डल के समान होता है तथा सूर्य की गति के अनुसार इसका पुष्प घूमता है।
इसी प्रकार आचार्य श्री प्रियव्रत जी ने भी कहा है कि – भारत में प्राचीन काल में सूरजमुखी का अस्तित्व था या नहीं, कहना कठिन है तथापि वर्तमान काल में यह पर्याप्त प्रचलित है अतः सूर्यावर्त से सूरजमुखी का प्रयोग करने में कोई बाधा नहीं है।
सूरजमुखी मेक्सिको और पेरु का मूल निवासी है। आइने ए अकबरी में इसका आफताबी नाम से उल्लेख है। यूरोप में यह 16वीं शदी के अन्त में प्रविष्ट हुआ।
सूरजमुखी का पौधा कैसा होता है ? : Surajmukhi ka Paudha
इसका एकवर्ष जीवी पुष्पछुप, प्रायः सर्वत्र वाटिकाओं में पाया जाता है। ये पौधे बीजों से ही उत्पन्न होते हैं। अत: इनका रोपण हर समय किया जा सकता है। फिर भी शीतकाल और ग्रीष्मकाल रोपण के लिये उपयुक्त है। ये पौधे पांच सात फुट ऊंचे होते हैं। इसके पत्र लम्बे, आगे की ओर संकुचित और खुरदरे होते हैं।
सूरजमुखी का फूल : Surajmukhi ka Phool
- सूरजमुखी के पुष्प बड़े-बड़े सूर्याकार गोल अनेकदल सहित नारंगी रंग के दिखाई देते हैं।
- जिनके फूल पीले होते हैं और आकृति सूरजमुखी फूल से बड़ी होती है तथा दल कम होते हैं। वह राधापद्म कहलाता है।
- सूरजमुखी फूल का मस्तक भोर के समय पूर्व दिशा की ओर रहता है और सूर्य की गति के साथ-साथ यह ऊंचा दिन के शेष भाग में पश्चिम की ओर रहते हुये नत हो जाता है। सदा सूर्य की ओर मुख रहने के कारण इसे सूरजमुखी कहते हैं।
- इन फूलों के मध्यभागों में केसर- कोष रहते हैं और इसके बीज कसूम के बीज के समान सफेद होते हैं।
कुल – भृगराज कुल (कम्पोजिटी)
सूरजमुखी का विभिन्न भाषाओं में नाम : Name of Sunflower in Different Languages
Sunflower in –
- संस्कृत (Sanskrit) – सूर्यावर्त, रविप्रीता, आदित्यपर्णिका
- हिन्दी (Hindi) – सूरजमुखी, सूर्यमुखी
- गुजराती (Gujarati) –सूरजमुखी
- बंगाली (Bangali) – सूरजमुखी
- मराठी (Marathi) – सूर्यफूल
- मलयालम (Malayalam) – सूर्यकन्दी
- अरबी (Arbi) – अर्दियून
- फारसी (Farsi) – आफताबी
- इंगलिश (English) – सन फ्लावर (Sun flower)
- लैटिन (Latin) – हेलिएन्थस एन्युएस (Helianthus Annuus Linn.)
सूरजमुखी के औषधीय गुण : Surajmukhi ke Gun in Hindi
गुण – गुरु, स्निग्ध
रस – कटु, तिक्त, कषाय
वीर्य – उष्ण
विपाक – कटु
दोषकर्म – वातकफ शामक
सूरजमुखी के उपयोगी अंग :
पंचांग (जड़, छाल, पत्ती, फूल एवं फल)
सेवन की मात्रा :
1-3 ग्राम ।
सूरजमुखी के उपयोग : Uses of Sunflower in Hindi
- यह पाण्डु, गुल्म, रक्तविकार, श्वास, प्रदर, कास, अग्निमांद्य, प्रमेह, कुष्ठ, ज्वर, योनिशूल, मूत्रकृच्छ्र, अश्मरी आदि रोगों में उपयोगी हैं।
- सूरजमुखी के पत्र वमन कारक है ।
- इसके फूल शोथ (सूजन) को नष्ट करते हैं।छाती और फेफड़ों की तकलीफ में इन्हें पीसकर लेप किया जाता है।
- सूरजमुखी के फूल अर्श, जलोदर और वृक्करोगों (किडनी) में भी यह उपयोगी है।
- सूरजमुखी के बीज मूत्रल एवं कफनिस्सारक हैं अतः मूत्रकृच्छ, अश्मरी, खांसी, जुकाम आदि में लाभदायक हैं।
- सूरजमुखी के पौधों में दूषित और रोगोत्पादक वायु को शुद्ध करने की विचित्र शक्ति है।
- सूरजमुखी मलेरिया के संक्रमण को रोकने में भी सहायक सिद्ध होते हैं।
- जिस प्रकार गुलाब के फूलों से गुलाब जल (अर्क) तैयार किया जाता है उसी प्रकार इसके फूलों से भी एक प्रकार का सुवासित जल तैयार किया जा सकता है।
सूरजमुखी के फायदे : Benefits of Sunflower in Hindi
बालरोग में सूरजमुखी के फूल से फायदा (Sunflower Uses to Cure Child Disease in Hindi)
माता के दूषित दूध से या गाय-भैंस के दूषित दूध के पिलाने से जिन बालकों में कफजन्य उदर विकृति हो जाती है उसे दूर करने के लिये सूरजमुखी के फूल के रस की 8-10 बूंद दूध में मिलाकर देनी चाहिये। फूलों को दूध में पीस छानकर पिलाने से बच्चों का सफेद पेशाब जाना रुक जाता है।
( और पढ़े – बच्चों के रोग और उनका घरेलू इलाज )
योनिभ्रंश में सूरजमुखी के फूल के इस्तेमाल से लाभ (Sunflower Benefits to Cure Vaginal Prolapse in Hindi)
सूरजमुखी के फूलों का रस लगाने से रोग में लाभ होता है।
वृश्चिकदंश पीड़ा मिटाए सूरजमुखी का उपयोग (Benefits of Sunflower in Scorpion bite in Hindi)
बिच्छू काटने पर सूरजमुखी के पत्तों को पीसकर दशं स्थान पर लेप करने से और उन पत्तों का स्वरस नाक में टपकाने से पीड़ा शान्त होती है।
दांतों में दर्द से आराम दिलाए सूरजमुखी का प्रयोग (Benefits of Sunflower in Toothache in Hindi)
इसके पौधे की जड़ का क्वाथ तैयार कर मुख में धारण करने से दन्तशूल (दाँत की जड़ में होनेवाली पीड़ा) दूर होकर दांत मजबूत होते हैं।
( और पढ़े – दांतों में कीड़े लगने के कारण और उपचार )
बवासीर रोग में सूरजमुखी से फायदा (Sunflower Benefits to Cure Piles in Hindi)
सूरजमुखी के बीज एक भाग, शक्कर दो भाग मिला 2-2 ग्राम सेवन करने से वातार्श, रक्तार्श में लाभ होता है।
मूत्रकृच्छ रोग में सूरजमुखी के प्रयोग से लाभ (Sunflower Uses to Cure Urinary Disease in Hindi)
सूरजमुखी के फूलों के बीज 6 ग्राम को बासे पानी में पीसकर और छानकर पिलाने से भयंकर मूत्रकृच्छ (एक रोग जिसमें बार-बार और थोड़ा-थोड़ा करके पेशाब आता है) भी दूर हो जाता हैं पथरी भी निकल जाती है। -(स्वामी श्री जगदीश्वरानन्द सरस्वती)
गर्भाशय भ्रंश ठीक करने में सूरजमुखी फायदेमंद (Benefits of Sunflower in Uterine prolapse Treatment in Hindi
गर्भाशय एवं योनिभ्रंश पर तीन दिनों तक इसके फूलों का रस पीड़ित स्थान पर कुछ दिनों तक लगाने से लाभ होता है।
पेट का फूल जाना मिटाता है सूरजमुखी ( Sunflower Beneficial to Treat Flatulence in Hindi)
दूषित दूध सेवन करने से कई बार बच्चा की उदरवृद्धि (पेट का बढ़ या फूल जाना) हो जाती है। उस अवस्था में सूरजमुखी के फूल का रस 10 बूंद तक कुछ दिनों तक दूध के साथ देने से लाभ होता है।
( और पढ़े – पेट का फूलना रोग का आयुर्वेदिक इलाज )
सूरजमुखी के दुष्प्रभाव : Side Effects of Sunflower in Hindi
पित्त प्रकृति वालों के लिये यह हानिकर है अतः उन्हें नहीं देना चाहिये या अल्प मात्रा में देना चाहिये। इसकी अधिक मात्रा प्लीहा को नुकसान पहुंचाती है।
दर्पनाशक (निवारक) – मधु और सिकंजबीज ।
सूरजमुखी तेल के फायदे : Sunflower Oil Benefits in Hindi
- इसके बीजों से घास के रंग का चौथाई तेल निकलता है जो खाने के काम में तथा अन्य उद्योगों में काम आता है। इस तेल को सोयाबीन के तेल के साथ मिलाकर उपयोग में लाया जा सकता है जो अधिक उपयोगी होता है।
- यह तेल दिल की बीमारियों और कोलेस्टॉल से सुरक्षित रखता है।
- मुख के कैंसर में इस तेल का गण्डूष (मुंह में तेल भरकर उसे घुमाने की प्रक्रिया को गण्डूष कहते हैं। )को धारण किया जा सकता हैं।
- डा. श्री चंचलमल चोरडिया “सबका भला करो भगवान” नामक पत्रिका के मार्च 2011 के अंक में “रक्त शुद्धि का उपचार सूरजमुखी तेल से” नामक शीर्षक के लेख में व्यक्त करते हैं कि सूर्यमुखी तेल अपने स्वभाव के कारण रक्त में से उपस्थित रोगाणुओं और विकारों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है और रक्त शुद्धि में सहयोग देता है। परिणाम स्वरूप रक्तविकार सम्बन्धी सभी रोगों में लाभ होता है।
- इस तेल में विटामिन ए, डी, तथा ई अधिक होता है अतः इसके सेवन से रक्त में कोलेस्ट्रॉल जैसे विकार की वृद्धि नहीं होती। अतः आधुनिक चिकित्सक हृदय एवं रक्तचाप के रोगियों को घी के स्थान पर सूर्यमुखी तेल का भोजन में उपयोग करने का परामर्श देते हैं।
- सूर्यमुखी तेल में सूर्य की उर्जा के विशेष गुण होते हैं जिस प्रकार चुम्बक लोहे को आकर्षित करता है फिटकरी पानी से गन्दगी अलग करती है ठीक उसी प्रकार सुर्यमुखी तेल में रक्त के विकारों को रक्त से अलग करने की क्षमता होती है एक चम्मच सूर्यमुखी तेल को मुंह में भरकर 15-20 मिनट अन्दर ही अन्दर घुमाने से चेहरे की समस्त मांस पेशियां सक्रिय होने लगती है। इस प्रक्रिया से थायराइड ग्रन्थि सम्बन्धी रोग भी ठीक होते हैं। चेहरे की कान्ति बढ़ती है, स्वर सुधरता है, त्वचा की शुष्कता दूर होती है और भोजन में रुचि होती है। स्वस्थ व्यक्ति भी यदि इस प्रयोग को नियमित करें तो सभी प्रकार के रक्तविकार सम्बन्धी रोगों के होने की संभावनायें कम हो जाती है। 15-20 मिनट उपयोग के पश्चात् इस तेल को ऐसे स्थान पर थूकना चाहिये जिसे तुरन्त स्वच्छ किया जा सके। साथ में ही मुंह को भी पानी से स्वच्छ कर लेना चाहिये।
सूरजमुखी तेल के नुकसान : Sunflower Oil Side Effects in Hindi
इसमें आमेगा 6 की मात्रा अधिक होती है जिससे इसके सेवन से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। अत: कैंसर के रोगियों को सूरजमुखी के तेल से परहेज करना चाहिये।
(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)
you have done lot of research and have compiled lots of trees , flowers that we all have seen but now knowing their uses.
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