Last Updated on December 19, 2020 by admin
बहुत सारे निसर्गोपचार तज्ञों – डंकन बल्क्ली , ए होगल, मैक्स गर्सन, क्रिस्टीन नोल्फी, रगनर बर्ग इनके अनुसार अयोग्य आहार ही कैंसर का मूल कारण है । कैंसर को प्रकट होने में कई साल लगते हैं तो उसकी शुरुआत से लेकर प्रकट होने तक हर पड़ाव में कैंसर की रासायनिक श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है। एन्टीऑक्सिडंटस् प्रति ऑक्सिकारक उदा. –
- जीवनसत्त्वों से कर्ककारक पदार्थों को नष्ट किया जा सकता है।
- आहार जीवनसत्त्वों से खराब हुए पेशी दुरूस्त होती है।
- कैंसर की वृद्धि को रोका जा सकता है।
- जो अंतिम अवस्था में है उनकी जीवन आयु बढ़ाई जा सकती है।
कैंसर के लिए काल है यह फल और सारी सब्जियाँ :
आहार में जितने ज्यादा फल और सब्जियाँ उतना कैंसर होने की संभावना कम होती है। फल और सब्जियों का सेवन जो ज्यादा करते हैं उन्हें कम फल और सब्जियों को सेवन करनेवालों से कैंसर होने की संभावना कम होती है।
जो धुम्रपान करते हैं वह यदि दिन में दो बार फल खाए या तीन प्रकार की कच्ची सब्जियाँ खाए तो 75 प्रतिशत से कैंसर होने का खतरा टाला जा सकता है। धूम्रपान करने वालों को रक्तनलिकाओं की क्षति टालने हेतु प्रतिदिन 500 मि. ग्रा. की विटामिन ‘सी’ गोली का सेवन करना लाभदाई सिद्ध होता है।
1). नींबू – नींबू, मोसंबी ऐसे फलों में कैंसर को रोकनेवाले कॅरोटिनॉइडस्, फ्लेव्होनॉइडस टर्पेन, लिमोनोन्स्, करक्यूमिन्स ऐसे घटक होते हैं। संत्रा में ग्लुटाथायोन, ग्लुकारेट ऐसे कैंसर को रोकनेवाले तत्त्व होते हैं। संतरे में विटामिन सी होता है।
( और पढ़े – नींबू के औषधीय गुण और उपयोग )
2). तरबूज – तरबूज में लायकोपेन होता है, जो कैंसर विरोधक तत्त्व है।
3). सल्फर युक्त सब्जियाँ – 1973 से 1984 तक जो संशोधन हुआ उसके अनुसार गोभी, बंदगोभी, लहसुन, प्याज इनमें सल्फर की मात्रा ज्यादा है जिससे कैंसर की संभावना कई मात्रा कम होती है।
4) बीट – इसमें नैसर्गिक शर्करा है। सोडियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, सल्फर, क्लोरिन,
आयोडिन, आयर्न, कॉपर B1, B2,B6, के और लैक्टिक एसिड होते हैं। इससे शरीर के हर कोशिकाओं को अच्छा ऑक्सीजन भी मिलता है और शरीर में से सारे विजातीय द्रव्य (toxins) नष्ट होते हैं।
( और पढ़े – चुकन्दर में हैं अनेक बेहरतरीन गुण )
5) गोभी – गोभी, बंदगोभी इनसे शरीर के हार्मोन्स इस्ट्रोजन पर नियंत्रण रहता है और स्तन के कैंसर की संभावना कम होती है। शरीर में इस्ट्रोजन हार्मोन्स की ज्यादा मात्रा से कैंसर होने की संभावना बढ़ती है। गोभी शरीर में 50% इस्ट्रोजन कम करता है। 400 ग्राम गोभी में 500 मिलीग्राम इंडोल-3 कार्बिनॉल होता है, जो इस्ट्रोजन को कम करता है।
डॉ. जिम ड्यूक अमेरिका इनके अनुसार गोभी की वजह से आँतों का कैंसर भी कम होता है।
( और पढ़े – सेहत के लिए बेमिसाल फूलगोभी )
6). गाजर – इसमें बीटा कैरोटिन भरपूर मात्रा में है, यह फेफड़े के कैंसर को रोकता है। अगर सप्ताह में एक बार एक गाजर चबाकर खाते हैं तो फेफड़े के कैंसर की मात्रा 60% से कम होती है। गाजर से प्रतिकारक शक्ति बढ़ती है।
7). लहसुन – इसमें 30 ऐसे घटक होते हैं, जो कैंसर का विरोध करते हैं। उसमें डायल्लिल सल्फाइड, क्वेर्सेटिन, अजोने ये महत्त्वपूर्ण हैं। कैंसर कारक पदार्थ nitrosamine और अफ्लाटोक्सिन इन्हें लहसुन नष्ट करता है।
( और पढ़े – अंकुरित लहसुन खाने के 6 बडें फायदे )
8). दही – इसमें डी जीवनसत्व और कैल्शियम भरपूर मात्रा में है और Lactobacillus acidophilus की वजह से बहुत सारे कर्करोग पदार्थ को तैयार होने से ही बचाता है। दही से आँतों के कैंसर से बचा जा सकता है। जिनके खून में डी जीवनसत्व की मात्रा भरपूर होती है उसमें आँतों के कैंसर की मात्रा 70% से कम होगी क्योंकि कैल्शियम आँतों के अंदर के कैंसर को फैलने नहीं देता – डॉ. सेड्रिक गारलैंड (कॅलिफोर्निया कैंसर सेंटर)
( और पढ़े – दही खाने के फायदे और सेवन में सावधानियां )
9). ऑलिव ऑइल – इसमें मोनोसैच्युरेटेड फैटस् होते हैं, जिससे स्तन के कैंसर की संभावना कम होती है।
10). लाल चावल – बिना पॉलिश के चावल में कैंसर विरोधी तत्त्व होते हैं।
11). टमाटर – इसमें लायकोपेन है। यह बीटा कैरोटीन से दुगना प्रभावी है।
( और पढ़े – टमाटर के बेशकीमती स्वास्थ्य लाभ )
12). गेहूँ का फाइबर – स्तन के कैंसर की रोकथाम के लिए प्रतिदिन गेहूँ के रेशेदार तत्त्व जैसे ‘वीट छैन’ (चोकोर) का प्रयोग करना फायदेमंद साबित होगा। इससे रक्त की इस्ट्रोजन की बढ़ी हुई मात्रा संतुलित होती है। प्रतिदिन 15-30 ग्रा. खाएँ।
13). फाइबर वाले आहार – गेहूँ, नट्स, फ्लेक्स रोज 35 ग्राम लेने से फायदा होगा।
कैंसर पीड़ित के लिए खाना कैसे पकाएँ ? :
खाना पकाने का आदर्श तरीका अपनाया जाए तो कैंसर होने से बचाया जा सकता है। मांसाहार, तंदुरी मांस इनमें नायट्रोसमीन्स् की मात्रा होती है, जो कासनोजन नामक विषाक्त रसायन में परिवर्तित होती है, जिससे कैंसर की संभावना बढ़ती है। आहार विशेषज्ञों का मानना है उबला हुआ खाना तले-भुने हुए खाने की तुलना में सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है।
- कम पानी डालते हुए बहुत ही कम आँच पर सब्जियों को पकाना चाहिए ताकि जीवनसत्व उसमें प्रिजर्व्ह हो और पाचन में हल्का हो ।
- एल्युमीनियम के बर्तन का इस्तेमाल बिलकुल बंद करें।
- खाना पकाने और रखने के लिए भी सबसे बेहतर है मिट्टी के बर्तन, उसके बाद पीतल के बर्तन ।
- पालक पानी फेंक दें, उसमें ऑक्सालिक ऐसिड होता है।
- फलों और सब्जियों के छिलके में भी जीवनसत्व है तो उन्हें भी पकाते समय लें, ना कि फेंके।
हमें प्रतिदिन कितनी सब्जी और फल खाने चाहिए ? :
- 100 से 115 ग्राम कम पकाई हुई सब्जियाँ।
- 70 से 85 ग्राम न पकाई हुई सब्जियाँ।
- 170 मिली फलों का ताजा रस (पैकबंद नहीं) या ताजे फल।