दिल को तंदुरुस्त कैसे रखें, उपाय, आहार और परहेज – Dil ko Tandrust Kaise Rakhe in Hindi

Last Updated on August 22, 2020 by admin

युवाओं दिल को रखें तंदुरुस्त

हृदय रोग को कभी वृद्धों की बीमारी माना जाता था, लेकिन आज-कल युवाओं में दिल के दौरे की बीमारी भयानक तरीके से फैल रही है।
उच्च रक्तचाप और मधुमेह उन सभी हृदय रोगियों में फैल रहा है, जिन्हें दिल का दौरा पड़ चुका है। एक अध्ययन में पता चला है कि युवा पुरुषों की तुलना में युवा महिलाओं को रक्तचाप, मधुमेह और क्रोनिक किडनी जैसे रोगों की संभावना अधिक होती है।
अब हमारे देश में भी वज़न बढ़ने की समस्या होने लगी है। इसके कारण हाइपर टेंशन, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्याएँ होने लगी हैं।

दिल का दौरा क्यों पड़ता है ? (Heart Attack Causes in Hindi)

dil ka daura padne ke karan –

युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारण हैं :

  1. तंबाकू का सेवन।
  2. माता-पिता या भाई-बहनों में हृदय रोग।
  3. मधुमेह।
  4. मानसिक या शारीरिक दोनों तरह का दबाव, जो आज के समाज में बहुत बढ़ रहा है।
  5. बदलती जीवनशैली।
  6. खाने-पीने की आदतें।
  7. मोटापा कार्डियो संवहनी रोगों के लिए अग्रदूत के रूप में काम करता है, जैसे कि उच्च कोलेस्ट्रोल।

युवा अकसर इस बात से अनजान होते हैं कि वे जोखिम में हैं और इसलिए वह समय पर उचित उपाय करने में विफल रहते हैं, जिससे उनका जीवन बच सकता था।
युवावस्था में हृदय संबंधी रोग बिना जाँच या जन्मजात हृदय दोष और असामान्यताओं के कारण हो सकता है।

हृदय रोग के चेतावनी संकेत (Warning Signs of Heart Disease in Hindi)

युवाओं में हृदय रोग अकसर अप्रत्याशित होता है, इसलिए इसके लक्षण अकसर पहचाने नहीं जाते हैं। सामान्य संकेतों में शामिल हैं:

  • साँस लेने में तकलीफ।
  • सीने में दर्द।
  • चक्कर आना।
  • कमज़ोरी।
  • आपको बाएँ हाथ, जबड़े, पीठ, गरदन, कंधे, एपिगास्ट्रिक क्षेत्र में दर्द हो सकता है।

बच्चों में दिल की बीमारी के लक्षण (Symptoms of Heart Problems in Children in Hindi)

bacchon mein dil ki bimari ke lakshan kya hai-

  1. समान आयु वर्ग की तुलना में शारीरिक गतिविधियों को करने में असमर्थता।
  2. अन्य बच्चों की तुलना में ज़ल्दी-जल्दी हाँफना।
  3. जीभ और मसूड़ों के आस-पास नीला होना।
  4. तेज़ दिल की धड़कन।
  5. चक्कर आना।

युवाओं में दिल की बीमारी के कारण (Causes of Heart Disease in Young in Hindi)

yuvavastha me dil ki bimare ke karan in hindi

युवाओं में हृदय रोगों से जुड़े कई जोखिम कारक हैं। आज-कल जो बहुत ज़्यादा देखने को मिल रहे हैं।

  • धूम्रपान।
  • नशा करना (ड्रग्स लेना)।
  • उच्च रक्तचाप।
  • उन्नत एलडीएल कोलेस्ट्रोल (खराब कोलेस्ट्रोल)।
  • मोटापा
  • मधुमेह

धूम्रपान, जंक फूड खाने से और शारीरिक गतिविधियों में कमी ऐसी बुराइयाँ हैं, जो आज के युवाओं को प्रभावित कर रही हैं। इसके अलावा काम के दबाव के कारण आनेवाला तनाव जो कई मामलों में मद्य आसक्त और धूम्रपान की ओर ले जाता है, जिससे स्थिति और भी जटिल बन जाती है।

दिल को तंदुरुस्त रखने के उपाय (Ways to Keep the Heart Healthy in Hindi)

dil ko tandrust rakhne ke upay –

हर माता-पिता और स्कूल को आज की जीवनशैली को देखकर बचपन से ही बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए शिक्षित करना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी में बढ़ रहे इस खतरे को पूरी तरह से रोका जा सके। इन बातों से करें दोस्ती

  1. शारीरिक व्यायाम करें।
  2. तैलीय भोजन से बचें।
  3. रोज़ाना आधे घंटे चलना।
  4. साइकिलिंग, जॉगिंग, स्विमिंग जैसे व्यायाम करें।
  5. जीवनशैली में बदलाव का दृष्टिकोण सरल, सस्ता और प्रभावी होता है।
  6. आहार में भरपूर मात्रा में सब्ज़ियाँ, फल हों।
  7. कम वसा वाले डेयरी उत्पादन, वसा में कमी, कोलेस्ट्रोल में कमी होनी चाहिए ।
  8. आहार कैल्शियम और खनिज पदार्थों से भरपूर होना चाहिए।
  9. योग तनाव को दूर रखने के लिए सबसे अच्छी गतिविधि है। बचपन से ही अच्छी आदतों को अपनाएँ।
  10. उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रोल से पीड़ित लोगों को दवाइयों का उपयोग करना चाहिए।जो उनके लिए आवश्यक है।
  11. शुगर लेवल, रक्तचाप, लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रोल के लिए) की जाँच का सालाना स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिए।

इन बातों से रखें दूरी (Keep Away from These Things)

  • धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें।
  • नमक से बचें, यह रक्तचाप और शुगर के लिए ज़िम्मेदार होता है।
  • खराब कोलेस्ट्रोल एलडीएल बढ़ाने के रूप में ट्रांस फैट एसिड, फास्ट फूड, चिप्स, कुकीज आदि से बचें।
  • रिफाइंड तेलों से बचें।

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